सोचा न था, दिन यू पलट जायेंगे
एक सपना टूट जायेगा, रास्ते बदल जायेंगे |
खुद को यू कैद कर लिया
रंग उड़ गया पंखो का
यादों मे सफ़ेद कर लिया |
वो रास्ता आज भी ताका करता
जवाब आज भी माँगा करता
पर पागल पंछी, न जाने खुद को क्यों बर्बाद कर रहा
न जवाब मिलता न साथ, फिर क्यों याद कर रहा |
उड़ जा रे छोटे से पंछी
शायद दिन फिर पलट जायेंगे
कोई रंग भरेगा तेरे सपनो मे
रास्ते भी नए मिल जायेंगे |
Profound and whats best about it Ruchi is that you wrote it in simple words. I don't like high sounding poems.
ReplyDeleteGreat, keep on writing:)
Hamesha ki tarah ....... Awesome....:P
ReplyDeleteVery nice. Very touching.
ReplyDeleteरुची जी,..सुंदर अहसासों का रंग लिये प्यारी रचना,....अच्छी पोस्ट
ReplyDeleteमेरे पोस्ट के लिए "काव्यान्जलि" मे click करे
पोस्ट पर आने के लिए आभार,....
अपने कमेंट्स बॉक्स से वर्डवेरीफिकेसन हटा ले कमेंट्स करने में परेशानी
ReplyDeleteऔर समय लगता है,......
सुंदर रचना!
ReplyDeleteHindi padh ke dil ko bahut sukoon milta hai, jaane kyo :)
ReplyDeleteI especially liked the lines **उड़ जा रे छोटे से पंछी
शायद दिन फिर पलट जायेंगे
कोई रंग भरेगा तेरे सपनो मे
रास्ते भी नए मिल जायेंगे
Bahut khoob :)
bahut hi gahri rachna
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा आपका ब्लॉग और यह रचना भी!
ReplyDeleteसादर
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जो मेरा मन कहे पर आपका स्वागत है
Very well crafted :)
ReplyDeleteI like reading hindi poetry cause I myself suck at the language :P
Thank you for dropping by :)
उड़ जा रे छोटे से पंछी
ReplyDeleteशायद दिन फिर पलट जायेंगे
कोई रंग भरेगा तेरे सपनो मे
रास्ते भी नए मिल जायेंगे |
बहुत अच्छी कविता ....
बहुत सुन्दर भाव
ReplyDeleteउड़ जा रे छोटे से पंछी
ReplyDeleteशायद दिन फिर पलट जायेंगे
कोई रंग भरेगा तेरे सपनो मे
रास्ते भी नए मिल जायेंगे |
सुन्दर भाव.... अच्छी रचना...
मेरी क्रिसमस.
dard aur chatpataht ...apne vatan e ashma ko pane ki .....bahut hi sundar ...kalpana ki parakastha par ki gayi kalpana
ReplyDeleteBeautiful. I love last line.
ReplyDeletebahut gehre panktiya,soch se bhare hue,
ReplyDeleteyou write so well in hindi too..so soothing to read
कोई रंग भरेगा तेरे सपनों में,
ReplyDeleteरास्ते भी नये मिल जायेंगे।
सुन्दर भाव,ख्याल भी अच्छे।
नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें......
WAH ......SUNDAR RACHANA ...BADHAI RUCHI JI.
ReplyDelete@Ruchi - It's a gr88 excitement to read ur pieces...they look like mine..and i loved the way u conclude your poems with hope....and hope is the best ingredient for life..
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