Sunday, May 27, 2012

मै और वो ...












एक शाम सुहानी आई है
कुछ याद पुरानी लाई है 
एक कहानी आज सुनाती हू
कुछ बातें आज बताती हू 
मै बिना विचारे बोलती थी 
वो सुन के सोचा करता था 
मै गीत पुराने गाती थी 
वो मुझ पर गीत बनाता था 
मै बच्चो के संग खेलती थी 
वो टोलियाँ ढून्ढ के लाता था 
मै तितली सी इठलाती थी 
वो मुझे देख मुस्काता था 
मै बारिश मे झूमती गाती थी 
वो बादल पास बुलाता था 
मै सीपियाँ खोजती रहती थी 
वो रेत के घर बनाता था 
मै फूल गुलाबी चाहती थी
वो फूल गुलाब के लाता था 
मै कांच की चूड़ियाँ खनकाती थी 
वो हर रंग की चूड़ियाँ लाता था 
मै ज़िन्दगी मे खुशियाँ ढूँढती थी 
वो मुझ मे ज़िन्दगी देखता था |

28 comments:

  1. सच्चा प्यार था उसका...फिर चला कहाँ गया????
    जाने क्यूँ दिया उसको????

    ReplyDelete
  2. 'I did not want pink flowers' to 'searching (real) happiness in life.' Very nice in-between transition. Very nice poem, Ruchi.

    Jim's OSI
    ..

    ReplyDelete
  3. Nostalgic...:))

    Lovely flow of words.....

    ReplyDelete
  4. ha ha ha ha . bechara.... bach gaya lagta hai.

    ReplyDelete
  5. bahut hi khubsoorat aur bahut hi umda kavita likhi hai Ruchi ma'am aapne...Bahut hi khubsoorti se Do dilo ke samikarano ka izhaar kiya hai apne..Wonderful...Keep it up:)

    ReplyDelete
  6. beautiful Ruchi! Poems in hindi are just so mermerising!

    ReplyDelete
  7. बेहतरीन रचना...सुंदर प्रस्तुति..आभार

    ReplyDelete
  8. Beautifully penned...
    Love is life!

    Keep writing , Ruchi :)

    ReplyDelete
  9. मै ज़िन्दगी मे खुशियाँ ढूँढती थी
    वो मुझ मे ज़िन्दगी देखता था....
    सुंदर प्रस्तुति.

    ReplyDelete
  10. This is so cute! So beautiful and yet touching as it is in past tense.

    God bless you.

    ReplyDelete
  11. Beautiful poem Ruchi and what I like today is your updated section of About me. Good to know more about you. You will attain whatever you would wish to, you are really a very nice person.:)

    ReplyDelete
  12. bahut hi sundar likha hai..
    bahut hi sundar rachana:-)

    ReplyDelete
  13. Such a sweet poem. Light and cheerful!

    "वो सुन के सोचा करता था
    मै गीत पुराने गाती थी"

    I loved these lines :)

    ReplyDelete
  14. कल 31/05/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    ReplyDelete
  15. what to say about this............... I'm really touched. Hats of to U

    ReplyDelete
  16. किसी की खुशियाँ किसी की जिंदगी !
    भावपूर्ण रचना !

    ReplyDelete
  17. भाव-भींगी रचना
    सादर

    ReplyDelete
  18. बहुत बहुत सुंदर रचना ! दिल के सोए तारों को हौले से....झंकृत कर गयी !:-)
    मेरे दिल से तुम्हारे दिल तक...एहसासों की खुश्बू बिखरी है...
    मिट सकती हैं हस्ती अपनी.. रिश्ता-ए-रूह मिट सकता नहीं...

    ReplyDelete
  19. awesome...very nicely written :)

    ReplyDelete
  20. Wow...superbly written!

    Glad to have come across your blog :)

    Take Care

    ReplyDelete
  21. सुन्दर प्रेम गीत
    बेबाक बयान
    बेहतरीन

    ReplyDelete
  22. Beautiful closing lines:

    मै ज़िन्दगी मे खुशियाँ ढूँढती थी
    वो मुझ मे ज़िन्दगी देखता था |

    They sum up the mood beautifully.

    ReplyDelete
  23. अहसासों की एक बहुत ही सुन्दर माला गूंथी है ........प्यार की खुशबू से लबरेज़.....बहुत सुन्दर !!!!

    ReplyDelete
  24. this is really beautiful :)
    I've been following u since long but haven't been able to read all... today will be covering most of them.

    ReplyDelete
  25. This was beauty!!!!I liked your one post..reached another and guess!!! it was better thn before..

    loved this hindi kavita...in fact, you have guts to write lyrics for hindi movies..

    all the best!!!

    ReplyDelete