फिर से जीने है कुछ सपने
बढ जायेंगे कदम अपने आप
बस तेरा हाथ मिल जाये |
तुम ही कहते थे ना
बस यू ही हँसती रहा करो
तुम खुश रहती हो तो
मै भी खुश हो जाता हू |
फिर, अपनी खुशियों को अधूरा छोड़कर
चले गए, तुम दूर कहाँ
जानती हू, सबकुछ पाकर भी
ढूँढ़ते होंगे बस मुझे वहाँ
ढूँढ़ते होंगे बस मुझे वहाँ
तुम ही कहते थे ना मुझसे
साथ रहना हमेशा मेरे
साथ रहना हमेशा मेरे
फिर क्यों नही ले गए अपने साथ
मै भी संग रहना चाहती थी तेरे
मै भी संग रहना चाहती थी तेरे
फिर से कहना है तुमसे बहुत कुछ
बस एक बात मिल जाये
चल, फिर से शुरू करते है सिलसिला
बस तेरा साथ मिल जाये |
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ReplyDeleteविरह भावना का अच्छा चित्रण ..........
ReplyDeleteबहुत सुंदर ............
ReplyDeleteसस्नेह.
Nice one!:)
ReplyDeleteअनुपम भाव लिए सुंदर रचना...बेहतरीन पोस्ट लगी ,...रूचि जी,....
ReplyDeleteMY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: आँसुओं की कीमत,....
किसी के साथ होने पर हर कुछ संभव है!! :)
ReplyDeleteप्रभावशाली प्रस्तुति ...
ReplyDeletenicely written...loved it...:)
ReplyDeleteफिर से कहना है तुमसे बहुत कुछ
ReplyDeleteबस एक बात मिल जाये
चल, फिर से शुरू करते है सिलसिला
बस तेरा साथ मिल जाये |... badhiya
सुन्दर प्रस्तुति, सार्थक कृति
ReplyDeleteLovely poem. Ruchi, don't you think it should be jeene in the first line of the poem.
ReplyDeleteफिर से कहना है तुमसे बहुत कुछ
ReplyDeleteबस एक बात मिल जाये
चल, फिर से शुरू करते है सिलसिला
बस तेरा साथ मिल जाये
हृदय को स्पर्श करने वाली रचना।
बहुत सुंदर!
Dua ye Silsile shuru hon..
ReplyDeleteBahut sunder Rachna..Badhaayi
Very nice. Simple and sweet!
ReplyDeletehttp://rachnaparmar.com
Nicely written. Good that I overcame my mental blocks and started reading Hindi as well. Mother tongue has greater power to bring out feelings from the heart than a foreign tongue.
ReplyDeleteफिर से कहना है तुमसे बहुत कुछ
ReplyDeleteबस एक बात मिल जाये
चल, फिर से शुरू करते है सिलसिला
बस तेरा साथ मिल जाये |
जी हाँ यह सिलसिला शुरू होना ही चाहिये. सुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति.
वायुवीय प्रेम की कोमल रचना बाल मन का कुहाँसा बिखेरती सब तरफ .आस से संसिक्त .
ReplyDeleteNice n simple:)
ReplyDeleteसाथ मिल जाए तो सफर आसानी से कट जाए।
ReplyDeletesimply so great...the flow of every line was perfect
ReplyDeleteCongratulations!
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तुम ही कहते थे ना मुझसे
ReplyDeleteसाथ रहना हमेशा मेरे
फिर क्यों नही ले गए अपने साथ
मै भी संग रहना चाहती थी तेरे
bahut khoob
ummdaa lines
बहुत ही सुन्दर रचना...
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