तुमसे कभी कह न पाई
आज भी है दिल मे वो बातें
बस आंसू बहाया करती
आंखें जागती है दिन और रातें
वो डरती थी शायद की
लोग क्या कहेंगे
कभी साथ तुम छोड़ गए तो
अकेले कैसे जियेंगे
यही सब सोच कर वो
तुमसे खुद को दूर करती रही
कहना रहता था कुछ और
कुछ और ही कहती रही
और उसकी चुप्पी को तुम
न जाने क्या समझते रहे
उसकी इस ख़ामोशी को
उसकी खता समझते रहे
फिर एक दिन उसने बहुत हिम्मत करके
तुमसे कुछ कहना चाहा
लेकिन समय का फेर था या दिल का
तुम अपने शब्दों से बदलते गए
वो कुछ न कह पाई
बस आँखों से आंसू बहाती गयी
वो नहीं अब अपना
ये खुद को समझाती गयी
यह दिल बड़ा नादान है
बस एक ही बात जानता है
यह आज भी सिर्फ तुम्हे ही
अपना भगवान् मानता है |
Bahut khoob...
ReplyDeleteEktarfa prem, na keh paane ki kashmakash
Kuch samajhdar nasamajh bhi hote hain, jinse dil lag jaata hai...
Very lovely and deep.. The pain when the love is one sided is like a slow poison.. The person dies hundreds death daily and slowly.. Well written Ruchi:)
ReplyDeletereally nice!
ReplyDeleteYour writing is awesome...whether of Hindi or any language...loved it...:)
ReplyDeletebahut khub,,
ReplyDeletesundar prastuti...
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प्यार को पूजो,किसी व्यक्ति को नहीं.
ReplyDeleteयदि किसी को प्यार की कदर नहीं है तो......कभी प्यार रहा ही नहीं !
बहुत सुन्दर रचना, ख़ूबसूरत भावाभिव्यक्ति..
ReplyDeleteआपका सवाई सिंह राजपुरोहित
एक ब्लॉग सबका
आज का आगरा
बेहतरीन सुंदर रचना, बहुत अच्छी प्रस्तुति,...
ReplyDeleteMY NEW POST ...कामयाबी...
दिल की नादानी भी गजब की होती है.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति है आपकी.
समय मिले तो मेरे ब्लॉग पर भी आईएगा,रूचि जी.
alsaye se nyn tumhare khavbon me khoye se hai
ReplyDeletebeshk aankh khuli fir bhi toota kb hai khavb abhi
bdhai
aap chahen to email se smprk kren
ReplyDeletemail dr.vedvyathit@gmail.com
Very deep!!
ReplyDeleteफिर एक दिन उसने बहुत हिम्मत करके
ReplyDeleteतुमसे कुछ कहना चाहा
लेकिन समय का फेर था या दिल का
तुम अपने शब्दों से बदलते गए
APRIPAKKV PREM .......YAHI HOTA HAI RUCHI JI ....RACHANA BEHAD JEEVANT ....SADAR BADHAI.
सच्ची ईमानदार सुकोमल अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteमन के सुंदर भाव..... अच्छा लिखा आपने....
ReplyDeleteसुन्दर भाव....बेहतरीन प्रस्तुति....
ReplyDeleteकृपया इसे भी पढ़े-
नेता- कुत्ता और वेश्या(भाग-2)
सुंदर रचना, बहुत अच्छी प्रस्तुति,...
ReplyDeleteFlow of the poem is superb.
ReplyDeleteNice play of words.
Lovely Poem:)
बहुत सुंदर रचना। ऐसी रचनाएं कभी कभी पढने को मिलती हैं।
Deleteपहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ हमारा
...बेहद खूबसूरत आना सफल हुआ