आसमान ने पूछा आज मुझसे
तुम्हे कहाँ ले चलू
तुमको एक नया जहान ले चलू |
मैंने बोला जाना है, एक नए मोड़ पर
रास्ता मुझे पता नहीं
चले न जाना बीच मे छोड़ कर |
बादल बोला, अपनी गाड़ी धीरे चलाऊंगा
तुम्हे सबसे अच्छी जगह ले जाऊँगा
विश्वास रखो मुझ पर, दोस्ती अपनी निभाऊंगा
मेरा कोई ठिकाना नहीं, तुम्हे छोड़ कहाँ जाऊंगा |
दोस्ती का वादा उसने खूब निभाया
मेरे लिए अपना आसमान छोड़ आया
पहुचाया जहाँ उसने, वो जन्नत थी
बादल नहीं वो, किसी की सच्ची मन्नत थी |
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