बस कुछ दिन पुरानी बात है
एक छोटी सी मुलाकात है
कुछ अजीब सी है कहानी
पूरी दुनिया से अनजानी |
वो दिन थे जैसे झरने से
खुशिया जर जर बहती थी
कुछ बातें थी अनकही पर
आंखें सब कुछ कहती थी |
वो वक़्त था सतरंगी
हर रंग अच्छा लगता था
झाकती थी निगाहें हर ओर
इंतज़ार उसका रहता था |
अब माहौल कुछ ओर है
मौसम वैसा रहा नहीं
गीत है नए पुराने से
सुर कोई लगता नहीं |
वो जिद तुम्हारी, वो भोलापन उसका
बस काला रंग बनके रह गया है
न बदले तुम हो, न बदली वो है
बदला कुछ नहीं ,
बस वक़्त बदल गया है |
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